12th Hindi Most VVI Objective Question Bihar Board Exam 2022
‘पद्य खण्ड
1. कड़बक
1. मलिक मुहम्मद जायसी
जीवन-परिचय – निर्गुण भक्ति धारा की प्रेममार्गी शाखा के प्रतिनिधि कवि मलिक मुहम्मद जायसी का जन्म 15वीं सदी के उत्तरार्ध में 1492 ई. (अनुमानतः) में उत्तर प्रदेश के कब्र अमेठी में जायस नामक ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम मलिक शेख ममरेज (मलिक राजे अशरफ) था। जायस गाँव के वासी होने के कारण ये जायसी के नाम से प्रसिद्ध हुए। जायसी छोटी उम्र में ही अनाथ हो गए थे। इस कारण उनका बचपन साधु-फकीरों के साथ भटकते हुए बीता। चेचक रोग के कारण इनका चेहरा कुरूप हो गया था तथा वे बाईं आँख तथा कान से भी वंचित थे। वे स्वभावतः मृदुभाषी, मनस्वी तथा संत प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। जायसी जी का निधन 1548 ई. में हुआ माना जाता है।
रचनाएँ – पद्मावत, अखरावट, आखिरी कलाम, चित्ररेखा, कहरानामा (महरी बाईसी), मसला या मसलानामा (खंडित प्रति प्राप्त हुई)। इनके अलावा चंपावत, होलीनामा, इतरावत आदि भी उनकी उल्लेखनीय कृतियाँ हैं।
काव्यगत विशेषताएँ – मलिक मुहम्मद जायसी ‘प्रेम की पीर’ के कवि हैं। मार्मिक अंतर्व्यथा से भरा उनका यह प्रेम अत्यन्त व्यापक महिमामय तथा गूढ़ आशयों वाला है। ‘पद्मावत’ जायसी का उज्ज्वल अमर कीर्ति का आधार है। इस आख्यान में सजीव कहानी का मर्मस्पर्शी वेदनामय रस है जो पाठकों को अपने लपेटे में ले लेता है। जायसी ने अपने काव्य में भावपक्ष एवं कलापक्ष दोनों का सफल निर्वाह किया है। जायसी संयोग की बजाए वियोग के चित्रण में ज्यादा सफल रहे हैं। उनके काव्य में श्रृंगार रस के साथ-साथ वात्सल्य रस, करुण रस, वीभत्स रस आदि का भी प्रसंगानुकूल चित्रण किया गया है। छंद एवं अलंकार के प्रयोग की दृष्टि से भी जायसी बहुत सफल रहे हैं। उन्होंने दोहा तथा चौपाई छंद को विशेष महत्व दिया है
1. “कड़बक’ के कवि हैं :
(A) नाभादास
(B) कबीरदा
(C) जायसी
(D) भूषण
2. मलिक मुहम्मद जायसी:
(A) सूफी कवि हैं
(B) भक्त कवि हैं
(C)शृंगारिक कवि हैं
(D) इनमें से कोई नहीं
3. ‘पद्मावत’ के कवि हैं ।
(A) नाभादास
(B) मलिक मुहम्मद जायसी
(C) नन्ददास
(D) इनमें से कोई नहीं
4. “फूल मरै पै मरै न वासु’ का क्या तात्पर्य है ?
(A) फूल के मुरझाते ही सुगन्ध समाप्त हो जाता है
(B) फूल क्षणिक है लेकिन उसका सुगन्ध शाश्वत है
(C) मनुष्य मर जाता है पर उसका कर्म रहता है
(D) इनमें से कोई नहीं
5. मलिक मुहम्मद जायसी किस शाखा के कवि हैं ?
(A) प्रेममार्गी
(B) ज्ञानमार्गी
(C) राममार्गी
(D) कृष्णमार्गी
6. इनमें से ‘प्रेम की पीर के कवि’ कौन हैं ?
(A) जायसी
(B) नाभादास
(C) सूरदास
(D) कबीरदास
7. ‘अखावट’ किनकी रचना है ?
(A) कबीरदास
(B) रहीम
(C) जायसी
(D) सूरदास
8. जायसी अपनी आँख की तुलना किससे करते हैं ?
(A) मछली की आँख्न से
(B) हिरणी की आँख से
(C) दर्पण से
(D) कमल से
9. जायसी की भाषा क्या है ?
(A) अवधी
(B) व्रजभाषा
(C) बुंदेलखंडी
(D) राजस्थानी
2. पद
सूरदास
जीवन-परिचय – मध्यकालीन सगुण भक्ति धारा की क्रूष्णभक्ति शाखा के अन्यतम कवि सूरदास जी का जन्म 1478 (अनुमानतः) में दिल्ली के निकट सीही नामक गाँव में हुआ। उन्होंने स्वाध्याय द्वारा ज्ञानार्जन किया। ब्रज क्षेत्र में क्रमशः गऊघाट, वृदांवन तथा पारसोली ग्राम इनके मुख्य निवास स्थान रहे। काव्य रचना एवं संगीत का इनका विशद, ज्ञान ईश्वर की देन तथा इनके निरंतर अभ्यास का फल था, इनका लोक ज्ञान भी काफी वृहद् था। ये कृष्ण के अनन्य भक्त थे, इसके अलावा उनकी रुचि पर्यटन, सत्संग एवं वैराग्य में थी। 1509–10 के आस–पास ‘शुद्धा द्वैतवाद‘ एवं ‘पुष्टिमार्ग‘ की भक्ति साधना के प्रवर्तक एवं प्रसिद्ध दार्शनिक आचार्य एवं संत महाप्रभु वल्लभाचार्य ने इनको गुरु के रूप में दीक्षा दी। इनके अंधेपन के विषय में भी विद्वानों में काफी मतभेद हैं। कुछ इन्हें जन्मांध मानते हैं। परन्तु उनके पदों में रूप–रंग के अद्भुत वर्णन एवं कृष्ण–लीलाओं के सूक्ष्म चित्रण को देखकर इस बात पर यकीन करना मुश्किल है। सूरदास जी अत्यन्त मृदुल, विनम्र, निरभिमानी, भावुक और अंतर्मुखी स्वभाव के विरक्त, महात्मा प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। इस महान कवि आत्मा का निधन 1583 ई. में हुआ माना जाता है।
रचनाएँ – सूरदास जी की विश्वप्रसिद्धि का प्रमुख आधार उनका ग्रंथ ‘सूरसागर‘ है। इसकी रचना ‘श्रीमद् भागवत‘ की पद्धति पर द्वादश स्कंधों में की गई है। यह ग्रंथ गेय पदों का एक विशाल संग्रह है। इसके अलावा ‘साहित्य लहरी‘, ‘राधारसकेलि‘ तथा ‘सूरसारावली‘ भी उनके प्रमुख ग्रंथ माने जाते हैं।
काव्यगत विशेषताएँ – सूरदास जी को पुष्टिमार्गीय भक्ति शाखा का प्रधान कवि माना जाता है। वल्लभाचार्य से दीक्षा लेने से पूर्व वे दास्य, विनय और दैन्य भाव के आर्त पद गाया करते थे किन्तु दीक्षा के बाद गुरु की प्रेरणा से वे लीलापद रचने और गाने लगे। सूरदास लीलारसिक श्री कृष्ण के भक्त हैं। उन्होंने श्रीकष्ण के जन्म, शैशव और किशोरमय की विविध लीलाओं को विषय बनाकर भावों व रसों की बाढ़ ला दी है। सूर के काव्य के तीन प्रधान विषय हैं – विनय भक्ति, वात्सल्य तथा प्रेम शृंगार । उनका काव्य इन्हीं तीन भाव वृत्तों से सीमित है। वात्सल्य के तो वे विश्व में अद्वितीय कवि हैं। उनके वात्सल्य पदों में पाठक जीवन की नीरस व जटिल समस्याएँ भूल जाता है तथा आनंदरस से विभोर हो उठता है। भक्ति व शृंगार को एक करने वाले संयोग तथा वियोग के पद उन्हें मानवहृदय का मर्मज्ञाता, गायक तथा चितेरा सिद्ध करते हैं।
1. सूरदास किस धारा के कवि हैं ?
(A) कृष्णश्रयी
(B) रामाश्रयी
(C) शैव्य
(D) इनमें से कोई नहीं
2. सूरदास के दीक्षा गुरु कौन थे ?
(A) नन्ददास
(B) नाभादास
(C) बल्लभाचार्य
(D) रामानन्द
3. कृष्ण कहाँ बैठकर भोजन कर रहे थे ?
(A) नन्द की गोद में
(B) यशोदा की गोद में
(C) कदम्ब के पेड़ पर
(D) यमुना के किनारे
4. प्रस्तुत प्रथम पद में कृष्ण को कैसी सूचना दी जा रही है?
(A) दोपहर होने की
(B) रात्रि होने की
(C) भोर होने की
(D) किसी की भी नहीं
5. सूरदास को किस चीज की भूख है ?
(A) प्रेम की
(B) कृष्ण के जूठन की
(C) काव्य रचना की
(D) इनमें से कोई नहीं
6. सूरदास किस मुगल शासक के समकालीन कवि थे?
(A) शाहजहाँ
(B) औरंगजेब
(C) अकबरं
(D) बाबर
7. सूरदास किस भाषा के कवि हैं ?
(A) संस्कृत
(B) ब्रजभाषा
(C) अवधी
(D) मैथिली
8. “साहित्य लहरी’ किसकी रचना है ?
(A) जायसी
(B) सूरदास
(C) कबीर
(D) तुलसी
9. सूरदास का जन्म कहाँ हुआ था ?
(A) लमही
(B) सीही
(C) गऊघाट
(D) आगोर
10. सूरदास किस रस के अप्रतिम कवि हैं ?
(A) वात्सल्य
(B) शृंगार
(C) शान्त
(D) करूण रस
11. गोप-गोपियाँ किनको जगाने के लिए गा रहे हैं ?
(A) बलराम को
(B) नन्द को
(C) कृष्ण को
(D) यशोदा को
3. पद
तुलसीदास
जीवन-परिचय – हिन्दी की शीर्षस्थ जातीय महाकवि गोस्वामी तुलसीदास का जन्म सन् 1543 में उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में राजापुर नामक गाँव में हुआ। इनके बचपन का नाम रामबोला था। इनकी माता का नाम हुलसी तथा पिता का नाम आत्माराम दुबे था। मूल नक्षत्र में पैदा होने के कारण अशुभ मानकर इनके माता-पिता ने इन्हें बचपन में ही त्याग दिया था। इसके बाद चुनियाँ नामक औरत ने इनका पालन पोषण किया। सूकरखेत के रहने वाले बाबा नरहरि दास ने इन्हें| शिक्षा दीक्षा प्रदान की। इन्होंने काशी के विद्वान शेष सनातन के पास 15 वर्षों तक वेदों, षड्दर्शन, इतिहास, पुराण, स्मृतियाँ, काव्य आदि की शिक्षा प्राप्त की। दीनबंधु पाठक ने इनके व्यक्तित्व एवं वक्तता से प्रभावित होकर अपनी पुत्री रत्नावली से इनका विवाह कर दिया। रत्नावली ने अपने प्रति अत्यधिक आसक्ति के कारण इन्हें फटकारा जिससे इनके मन में वैराग्य उत्पन्न हुआ तथा इन्होंने गृहत्याग कर दिया। काशीवास करते हुए ही इन्होंने भारत के कई प्रमुख तीर्थस्थानों की यात्राएँ भी की। तुलसीदास विनम्र, मृदुभाषी, गंभीर एवं शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। अब्दुर्ररहीम खानखाना, महाराजा मानसिंह, नाभादास, दार्शनिक मधुसूदन सरस्वती, टोडरमल आदि इनके परम मित्रों एवं स्नेही में से थे। 1623 को श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन इस महान संत कवि का देहांत हो गया।
रचनाएँ – माना जाता है कि तुलसीदास ने अनेक ग्रंथों की रचना की थी। पर उनमें से निम्न रचनाएँ ही प्रामाणिक सिद्ध हुई हैं – रामलला नहछू, वैराग्य संदीपिनी, बरवै रामायण, पार्वतीमंगल, जानकी मंगल, रामाज्ञाप्रश्न, दोहावली, कवितावली, गीतावली, श्रीकृष्ण गीतावली, रामचरितमानस तथा विनय पत्रिका 44 छंदों वाली रचना ‘हनुमान बाहुक’ को कवितावली का ही अंश माना जाता है। रामचरितमानस’ तुलसी का सबसे बृहद् एवं सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है जिसकी रचना में कुल 2 वर्ष, 7 माह, 26 दिन लगे थे।
काव्यगत विशेषताएँ – सार्वभौम काव्य प्रतिभा संपन्न महाकवि तुलसीदास पर तथा इनके काव्य पर समाज, साहित्य जगत एवं हिन्दी भाषा को बहुत गर्व है। तुलसीदास हिन्दी के मध्यकालीन भक्तिकाव्य की सगुण भक्ति-धारा की रामभक्ति शाखा के प्रधान कवि हैं। तुलसी के काव्य में लोक जीवन के व्यापक, बहुविध अंतरंग ज्ञान और अनुभव की अभिव्यक्ति हुई है। उनकी संवेदना गहन और अपरिमित थी। उनमें इतिहास एवं संस्कृति का व्यापक परिप्रेक्ष्य वोध और लोकप्रज्ञा थी। भक्तिभावना की दृष्टि से तुलसी ने समन्वयकारी दृष्टि का परिचय दिया है।
1. रामचरित मानस किसकी कृति है ?
(A) सूरदास
(B) तुलसीदास
(C) कबीरदास
(D) नाभादास
2. तुलसीदास किस शाखा के कवि हैं ?
(A) राममार्गी
(B) कृष्णमार्गी
(C) ज्ञानमार्गी
(D) प्रेममार्गी
3. ‘कबहुँक अब अवसर पाई’ यह ‘अंब’ संबोधन किसके लिए है ?
(A) अंजनी के लिए
(B) सीता के लिए
(C) राधा के लिए
(D) इनमें से कोई नहीं
4. दूसरे पद में तुलसी ने अपना परिचय किस रूप में दिया है ?
(A) भिखारी के रूप में
(B) दाता के रूप में
(C) निर्बल के रूप में
(D) बलवान के रूप में
5. तुलसी को किस वस्तु की भूख है ?
(A) धन की
(B) यश की
(C) भक्ति की
(D) इनमें से कोई नहीं
6. तुलसीदास के पठित पद किस भाषा में है ?
(A) अवधी
(B) ब्रजबोली
(C) मैथिली
(D) खड़ीबोली
7. तुलसी के हृदय में किसका डर है ?
(A) अपनी उद्यमहीनता का
(B) अपनी मूर्खता का
(C) अपने गुरु का
(D) किसी का नहीं
8. राम स्वभाव से कैसे हैं ?
(A) कठोर
(B) कोमल
(C) चंचल
(D) अतिकृपालु
9. तुलसीदास अपना पेट किससे भरते हैं ?
(A) चावल-दाल से
(B) रोटी सब्जी के
(C) राम नाम से
(D) इनमें से कोई नहीं
10. तुलसीदास का बचपन का नाम क्या था ?
(A) राम बोला
(B) श्याम बोला
(C) हरि बोला
(D) शिव बोला
11. “कृष्णगीता वाली’ ‘किनकी रचना है ?
(A) सूरदास
(B) गुरुनानक
(C) तुलसीदास
(D) घनानंद
12. तुलसीदास सीता से कैसी सहायता माँगते हैं ?
(A) धन की
(B) मन की
(C) वाणी की
(D) मोक्ष की
4. छप्पय
नाभादास
जीवन-परिचय – सगुणोपासक रामभक्त कवि नाभादास का जन्म अनुमानतः 1570 ई. में दक्षिण भारत में हुआ माना जाता है। बचपन में पिता की मृत्यु तथा अकाल पड़ने के कारण ये अपनी माता के साथ जयपुर आकर रहने लगे। दुर्भाग्यवश कुछ समय बाद माता से भी इनका बिछोह हो गया। इन्होंने अपने गुरु एवं प्रतिपालक की देखरेख में स्वाध्याय एवं सत्संग द्वारा ज्ञानार्जन किया। ये लोकभ्रमण, भगवदभक्ति काव्य रचना तथा वैष्णव दर्शन-चिंतन में विशेष रुचि रखते थे। स्वामी रामानंद की शिष्य परंपरा के प्रसिद्ध कवि स्वामी अग्रदास ने इनको गुरु के रूप में दीक्षा दी। अधिकतर विद्वानों के अनुसार नाभादास जी की पारिवारिक सामाजिक पृष्ठभूमि दलित वर्ग की थी। इनकी मृत्यु का समय अभी तक ज्ञात नहीं है।
रचनाएँ – भक्तमाल (रचनाकाल 1585-1596 निर्धारित) अष्टयाम (ब्रजभाषा गद्य में) अष्टयाम (रामचरितमानस की दोहा चौपाई शैली में) रामचरित संबंधी प्रकीर्ण पदों का संग्रह।
काव्यगत विशेषताएँ – नाभादास एक भावुक, सहदय, विवेक संपन्न एवं सच्चे वैष्णव थे। उनमें किसी प्रकार का पक्षपात, दुराग्रह या कट्टरता नहीं थी। ‘भक्तमाल’ उनके शील, सोच एवं मानस का निर्मल दर्पण है। उन्होंने अपनी अभिरुचि, ज्ञान, विवेक, भाव-प्रसार आदि के द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रकर्ष उपस्थित किया है। ‘भक्तमाल’ ग्रंथ में लिखे 316 छप्पय उनकी तल स्पर्शिणी अंतर्दृष्टि, मर्मग्राहिणी प्रज्ञा, सारग्राही चिंतन और विदग्ध भाषा शैली के अद्भुत नमूने हैं। इनके पीछे कवि के विशाल अध्ययन, सूक्ष्म पर्यवेक्षण, प्रदीर्घ मनन और अंतरंग अनुशीलन छिपे हुए हैं।
1. नाभादास किसके शिष्य थे?
(A) नन्ददास के
(B) कबीरदास के
(C) अग्रदास के
(D) इनमें से कोई नहीं
2. ‘भक्तमाल’ किसकी रचना है?
(A) नाभादास
(B) कबीरदास
(C) सूरदास
(D) तुलसीदास
3. नाभादास किसके समकालीन थे ?
(A) सूरदास
(B) तुलसीदास
(C) कबीरदास
(D) इनमें से कोई नहीं
4. नाभादास किस धारा के कवि थे ?
(A) निर्गुण धारा
(B) सगुण धारा
(C) सगुणोपासक रामभक्त धारा
(D) इनमें से कोई नहीं
5. नाभादास के अनुसार किसकी कविता को सुनकर कवि सिर झुका लेते हैं ?
(A) सूरदास की
(B) तुलसीदास की
(C) कबीरदास की
(D) इनमें से कोई नहीं
6. ‘अष्टयाम’ किसकी रचना है ?
(A) नाभादास
(B) सूरदास
(C) तुलसीदास
(D) कबीरदास
7. नाभादास ने सूरदास के काव्यों में किन विशेषताओं का उल्लेख किया है ?
(A) चमत्कार
(B) अनुप्रास
(C) भाषा की सुन्दरता
(D) उपरोक्त सभी
8. “पक्षपात नहि वचन सबहि के हित भाषी’ नाभादास ने किनको संकेत किया है ?
(A) सूरदास
(B) कबीरदास
(C) रहीम
(D) भूषण
9. ‘मुख देखी नाहीं भनी’ का क्या अर्थ है?
(A) मुख देखकर कहना
(B) मुख देखकर नहीं कहना
(C) पक्षपात करना
(D) इनमें कोई नहीं
5. कवित्त
भूषण
जीवन-परिचय – हिन्दी कविता में रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि भूषण का जन्म 1613 ई. में कानपुर (उत्तर प्रदेश) के तिकवांपुर गाँव में हुआ। उनके पिता का नाम रत्नाकर त्रिपाठी था। चित्रकूट के सोलंकी राजा रुद्रसाह ने इन्हें ‘कवि भूषण’ की उपाधि प्रदान की थी, आगे चलकर उनका उपनाम ‘भूषण’ इतना प्रसिद्ध हुआ कि उनका मूलनाम ही लोगों को याद नहीं रहा। छत्रपति शिवाजी, उनके पुत्र शाहूजी तथा पन्ना के बुंदेला राजा छत्रसाल उनके प्रमुख आश्रयदाता थे। रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि चिंतामणि त्रिपाठी तथा मतिराम को भूषण का भाई माना जाता है। सन् 1715 में वीर रस के इस महान कवि का देहांत हो गया।
रचनाएँ – शिवराज भूषण (384 छंदों में 105 अलंकारों का निरूपण तथा शिवाजी की प्रशस्ति करने वाले मुक्तकों का संग्रह), शिवा बावनी (52 मुक्तकों में शिवाजी की वीरता का वर्णन) छत्रसाल दशक (10 छंदों में छत्रसाल की वीरता का बखान) इसके अलावा इनकी तीन और कृतियाँ मानी जाती हैं – भूषण हजारा, भूषण उल्लास तथ दूषण उल्लास जोकि अप्राप्य है। इनके द्वारा रचित कुछ स्फुट पद्य भी प्राप्त हुए
काव्यगत विशेषताएँ – भूषण जातीय स्वाभिमान, आत्मगौरव, शौर्य एवं पराक्रम के कवि हैं। भूषण ने मुक्तशैली में शिवाजी तथा छत्रसाल की वास्तविकता पर आधारित बिरुदावलियाँ गाई हैं। जनमानस में भूषण वीर रस के पर्याय एवं प्रतिमूर्ति की तरह प्रतिष्ठित हैं। भूषण एक रीतिबद्ध आचार्य कवि थे किन्तु अलंकार निरूपण में उनके आचार्य रूप को ज्यादा सफलता प्राप्त नहीं हुई। उनका कवि रूप उनके आचार्य रूप पर भारी पड़ा है। भूषण ने रीतिकाल के शृंगार रस की प्रधान प्रवृत्ति से हटकर वीर रस को प्रमुखता दी तथा उसी के अनुसार अपने स्वतंत्र मार्ग का निर्माण किया। यह उनकी स्वाधीन चेतना, आत्मविश्वास एवं विशिष्ट स्वभाव का परिचायक है।
1. “कवित्त’ के कवि हैं:
(A) भूषण
(B) कबीर
(C) सूरदास
(D) नाभादास
2. कवित्त के प्रथम पद में कौन सा रस है ?
(A) शृंगार रस
(B) वीर रस
(C) वीभत्स रस
(D) करुण रस
3. कविता के द्वितीय पद में किस रस की अभिव्यंजना हुई है ?
(A)शृंगार रस की
(B) करुण रस की
(C) वीभत्स रस की
(D) वीर रस की
4. ‘लागति लपकि कंठ-बैरिन के नागिन सी’ में कौन-सा अलंकार है ?
(A) रूपक
(B) श्लेष
(C) उपमा
(D) अनुप्रास
5. भूषण रीति-काव्य की किस धारा के कवि हैं ?
(A) रीतिमुक्त धारा के
(B) रीतियुक्त धारा के
(C) सगुणधारा के
(D) निर्गुण धारा के
6. भूषण किस काल के कवि हैं ?
(A) आधुनिक काल
(B) रीति काल
(C) शृंगार काल
(D) भक्ति काल
7. भूषण की रचनाएँ किस पद्धति की है ?
(A) मुक्तक पद्धति
(B) दोहा पद्धति
(C) सोरठा पद्धति
(D) इनमें सभी
8. शिवाजी की तुलना भूषण ने किस से की है ?
(A) इन्द्र
(B) राम
(C) परशुराम
(D) उपरोक्त सभी
9. छत्रसाल की तलवार कैसी है ?
(A) सूर्य की तेज किरण के समान
(B) टूटी हुई
(C) मुड़ी हुई
(D) तिरछी
10. भूषण को ‘भूषण’ की उपाधि किसने दी थी ?
(A) छत्रपति शिवाजी ने
(B) महाराज छत्रसाल ने
(C) राजा रूद्र शाह ने
(D) औरंगजेब ने
6. तुमुल कोलाहल कलह में
जयशंकर प्रसाद
जीवन-परिचय – आधुनिक हिन्दी की स्वच्छ काव्यधारा के अंतर्गत छायावादी काव्य प्रवाह के प्रवर्तकों में से एक जयशंकर प्रसाद का जन्म 1889 (माघ शुक्ल दशमी, संवत् 1946) में वाराणसी में हुआ। इनके पिता का नाम देवी प्रसाद साहु था। सुरती (तंबाकू) बनाने के कारण इनका परिवार ‘सूंघनी साहू’ के नाम से विख्यात था। इन्होंने आठवीं तक की शिक्षा प्राप्त की। घर पर नियुक्त शिक्षकों द्वारा संस्कृत, हिन्दी, फारसी तथा उर्दू की शिक्षा प्राप्त की। 12 वर्ष की आयु में उनके पिता का देहांत हो गया तथा दो वर्ष बाद माता की भी मृत्यु हो गई। परिवार में गृहकलह की स्थिति थी। बड़े भाई शंभु रतन की मृत्यु के बाद घर की पूरी जिम्मेवारी प्रसाद जी के कंधों पर आ गई। उनकी प्ररेणा से 1909 में उनके भांजे अंबिका प्रसाद ने ‘इंदु’ पत्रिका का प्रकाशन आरंभ किया। इन्होंने कलाधर उपनाम से ब्रजभाषा में सवैयों की भी रचना की। 15 नवंबर, 1937 को इनका निधन हो गया।
साहित्यिक रचनाएँ – चित्राधार उनका प्रथम संग्रह माना जाता है जिसमें कविता, कहानी, नाटक आदि रचनाएँ संकलित हैं।
(क) नाटक – कल्याणी परिणय (1912), प्रायश्चित (1914), राज्यश्री (1915), जन्मेजय का नागयज्ञ (1926), स्कंदगुप्त (1926), कामना (1927), एक चूंट (1928), विशाख (1929), चंद्रगुप्त (1931), ध्रुवस्वामिनी (1933)।
(ख) कथा संग्रह – छाया (1912), प्रतिध्वनि (1931), इंद्रजाल (1936)। (ग) काव्य संकलन – झरना (1918), आँसू (1925), लहर (1933)। (घ) प्रबंध काव्य – कामायनी (1936) (ङ) उपन्यास – कंकाल (1929), तितली (1934), इरावती (1940, अपूर्ण)। (च) अतुकांत रचनाएँ – महाराणा का महत्त्व, करुणालय, प्रेम पथिक।
काव्यगत विशेषताएँ – जयशंकर प्रसाद एक महान छायावादी कवि होने के साथ-साथ एक महान नाटककार, उपन्यासकार, कहानीकार एवं निबंधकार थे। इन विधाओं में प्रसाद जी का युगांतरकारी अवदान है। उनका काव्य विविध विशेषताओं का पुंज है जिसमें प्राकृतिक सौन्दर्य चित्रण, मानव प्रेम, ईश्वर प्रेम, देश प्रेम, मानव सौन्दर्य जैसी विशेषताएँ प्रमुखता से उभर कर आती हैं। उनकी रचनाएँ विश्व बंधुत्व, सर्वजनहिताय तथा व्यापक मानवतावाद से ओत-प्रोत हैं। प्रसाद जी का काव्य ईश्वर में मानव का तथा मानव में ईश्वर का दर्शन कराता है।
1. ‘तुमुल कोलाहल कलह में’ शीर्षक कविता के रचयिता कौन है ?
(A) सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
(B) जयशंकर प्रसाद
(C) महादेवी वर्मा
(D) सुमित्रानंदन पंत
2. जयशंकर प्रसाद किस वाद के कवि हैं?
(A) छायावाद
(B) प्रयोगवाद
(C) यथार्थवाद
(D) इनमें से कोई नहीं
3. मनुष्य का शरीर क्यों थक जाता है ?
(A) अधिक काम करने से
(B) मन की चंचलता से
(C) अधिक निद्रा से
(D) इनमें से कोई नहीं
4. चातकी किसके लिए तरसती है?
(A) एक छोटी सी बूंद के लिए
(B) प्रिय मिलन के लिए
(C) चुगा के लिए
(D) इनमें से कोई नहीं
5. “सजल जलजात’ में कौन-सा अलंकार है ?
(A) उपमा
(B) रूपक
(C) श्लेष
(D) यमक
6. जयशंकर प्रसाद का जन्म कहाँ हुआ था ?
(A) अयोध्या में
(B) काशी में
(C) इलाहाबाद में
(D) कानपुर में
7. “तुमुल कोलाहल कलह में’ कविता प्रसाद की किस कृति से संकलित है ?
(A) कामना
(B) कामायनी
(C) प्रतिध्वनि
(D) आँधी
8. विरहिणी श्रद्धा को किसने आश्रय दिया ?
(A) मनु ने
(B) इडा ने
(C) शान्ति ने
(D) इनमें से कोई नहीं
9. श्रद्धा किसका प्रतीक है ?
(A) हृदय का
(B) बुद्धि का
(C) मन का
(D) किसी का नहीं है
10. इडा किसका प्रतीक है?
(A) हृदय का
(B) बुद्धि का
(C) मन का
(D) किसी का नहीं
11. मनु किसका प्रतीक है ?
(A) हृदय का
(B) बुद्धि का
(C) मन का
(D) किसी का नहीं
7. पुत्र-वियोग
सुभद्रा कुमारी चौहान
जीवन-परिचय – राष्ट्रीय भावधारा की प्रमुख कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) के निहालपुर ग्राम में हुआ। इनकी माता का नाम धिराज कुंवर तथा पिता का नाम ठाकुर रामनाथ सिंह था। इनका विवाह 1919 में खंडवा, मध्य प्रदेश निवासी ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से हुआ जोकि अंग्रेज सरकार द्वारा जब्त ‘कुली प्रथा’ तथा ‘गुलामी का नशा’ नामक नाटकों के लेखक, प्रसिद्ध पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी तथा कांग्रेसी नेता थे। इन्होंने इलाहाबाद के क्रास्थवेट गर्ल्स स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। प्रसिद्ध कवयित्री महादेवी वर्मा इस स्कूल में उनके साथ पढ़ी थीं। इन्होंने नवीं कक्षा तक की पढ़ाई वाराणसी के थियोसोफिकल स्कूल, वाराणसी से प्राप्त की। इसके बाद ये शिक्षा अधूरी छोड़कर असहयोग आंदोलन से जुड़ गईं। इनमें छात्र जीवन से काव्य रचना की प्रवृत्ति थी। आगे चलकर ये प्रमुख कवयित्री तथा साहित्यकार के रूप में प्रसिद्ध हुईं। स्वाधीनता संघर्ष में सक्रिय भागीदारी के कारण इन्होंने अनेक बार कारावास भी भुगता। ये मध्य प्रदेश से कांग्रेस पार्टी की M.L.A. भी बनीं। 1930 में इनको कविता संग्रह ‘मुकुल’ के लिए हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ‘सेकसरिया पुरस्कार’ दिया गया। 15 फरवरी 1948 को बसंत पंचमी के दिन नागपुर से जबलपुर लौटते समय हुई एक कार दुर्घटना में इनकी मृत्यु हो गई।
रचनाएँ – मुकुल (कविता संग्रह, 1930), त्रिधारा (कविता चयन), बिखरे मोती (कहानी संग्रह), सभा के खेल (कहानी संग्रह)।
काव्यगत विशेषताएँ – सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की छायावादी काव्यधारा के समांतर स्वतंत्र रूप से काव्य रचना करने वाली राष्ट्रीय भाव धारा की कवयित्री थीं। उनकी कविताएँ राष्ट्रीय भाव धारा के यथार्थोन्मख से घनिष्ठ रूप से संबद्ध है तथा यही उनकी कविता की केंद्रीय और प्रमुख प्रेरणा है। राष्ट्रीय स्वतंत्रता का अकृत्रिम एवं स्वाभाविक आवेगमय स्वर उनके जीवन एवं काव्य को मुखर रूप से अखंडता प्रदान करता है। अपने युग के मूल उद्वेग तथा उनके भिन्न-भिन्न रूप अपनी आभरणहीन प्रकृत शैली में सुभद्रा जी के काव्य में प्रकट हुए-
1. माँ के लिए अपने मन को समझाना कब कठिन हो जाता है ?
(A) धन नष्ट हो जाने पर
(B) पुत्र की मृत्यु पर
(C) पति की मृत्यु पर
(D) पिता की मृत्यु पर
2. सुभद्राकुमारी चौहान की लिखी कविता कौन-सी है ?
(A) प्यारे नन्हें बेटे को
(B) पुत्र-वियोग
(C) हार-जीत
(D) गाँव का घर
3. सुभद्रा कुमारी चौहान का खिलौना क्या है ?
(A) उसका पुत्र
(B) उसकी गाड़ी
(C) उसकी गाय
(D) इनमें से कोई नहीं
4. कवयित्री स्वयं को असहाय और विवश क्यों कहती है ?
(A) निर्धनता के कारण
(B) पति वियोग के कारण
(C) पुत्र-वियोग के कारण
(D) इनमें से कोई नहीं
5. ‘पुत्र-वियोग’ किसकी रचना है ?
(A) सुभद्राकुमारी चौहान
(B) रघुवीर सहाय
(C) अज्ञेय
(D) अशोक वाजपेयी
6. सुभद्राकुमारी चौहान को किस कृति के लिए “सेकरिया’ पुरस्कार दिया गया ?
(A) विधारा
(B) बिखरे मोती
(C) मुकुल
(D) त्रिधारा
7. राष्ट्रीय आन्दोलन के दिनों में सुभद्रा कुमारी की किस रचना को अंग्रेजी सरकार ने जब्त कर लिया था ?
(A) त्रिधारा
(B) मुकुल
(C) बिखरे मोती
(D) झाँसी की रानी
8. “पुत्र वियोग’ कविता कहाँ से संकलित है ?
(A) मुकुल
(B) त्रिधारा
(C) बिखरे मोती
(D) झाँसी की रानी
9. सुभद्रा कुमारी का जन्म कहाँ हुआ था ?
(A) प्रयाग
(B) काशी
(C) कानपुर
(D) लखनऊ
10. “खिलौना’ किसका प्रतीक है ? ‘
(A) गाड़ी का
(B) गाय का
(C) पुत्र का
(D) पति का
8. उषा
शमशेर बहादुर सिंह
जीवन–परिचय – सतत् प्रयोगधर्मी, श्रेष्ठ प्रगतिशील कवि शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 3 जनवरी 1911 के देहरादून, उत्तराखंड में हुआ। इनकी माता का नाम प्रभुदेई तथा पिता का नाम तारीफ सिंह था। इनके पिता कलेक्ट्रिएट में रीडर के पद पर थे तथा साहित्य प्रेमी व्यक्ति थे। शमशेर जी ने सन् 1928 में हाई स्कूल, 1931 में इंटर, 1933 में इलाहाबाद से बी ए. तथा 1938 में एम.ए. (पूर्वार्ध, अंग्रेजी) पास की। इसके बाद उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। सन् 1929 में इनका विवाह धर्म देवी से हुआ, किन्तु 1933 में इनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। शेष जिंदगी इन्होंने परिवार विहीन एवं अनिश्चित जीवन जीया। इन्होंने रूपाभ, कहानी, माया, नया साहित्य, नया पथ तथा मनोहर कहानियाँ आदि पत्रिकाओं का संपादन कार्य किया। इन्होंने उर्दू–हिन्दी कोश का संपादन भी किया। वे 1981–85 तक उज्जैन के ‘प्रेमचंद सृजनपीठ‘ विक्रम विश्व–विद्यालय के अध्यक्ष रहे। सन् 1978 में इन्होंने सोवियत रूस की यात्रा भी की थी। सन् 1993 में इस प्रतिभाशाली लेखक का निधन हो गया।
साहित्यिक रचनाएँ – दूसरा सप्तक (1951), कुछ कविताएँ (1959), कुछ और कविताएँ (1961), चुका भी नहीं हूँ मैं (1975), इतने पास अपने (1980), उदिता (1980), बात बोलेगी (1981), काल तुझसे होड़ है मेरी | (1982), टूटी हुई बिखरी हुई, कहीं बहुत दूर से सुन रहा हूँ, सुकून की तलाश (गजलें), प्रतिनिधि कविताएँ (संपादक डॉ. नामवर सिंह)। इसके अलावा उनकी डायरी, विविध प्रकार के निबंध एवं आलोचना भी फुटकर रूप में प्रकाशित हुए।
काव्यगत विशेषताएँ – शमशेर बहादुर सिंह को आधुनिक हिन्दी कविता में स्वच्छंद चेतना के प्रगतिशील कवि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने लेखन कार्य तो तीस के दशक में ही शुरू कर दिया था पर उनकी कविताएँ पुस्तकाकार में सदी के उत्तरार्ध में ही आनी शुरू हुई। कवि एवं काव्य के स्वभाव एवं आग्रहों के कारण उनके लेखन में विशिष्टता का निरूपण हुआ। उन्होंने अपनी सृजनात्मकता से प्रगतिवाद, स्वच्छंदवाद, प्रयोगवाद, नई कविता तथा वस्तुवादी यथार्थवाद एवं कलावादी रूपवाद, इन सबका ऐसा विलक्षण घोल तैयार किया जिसमें इनकी सीमाएँ नहीं, अपितु शक्तियाँ मुखरित हुईं। उन्होंने कविता, चित्र, संगीत, नाटक, नृत्य, मूर्ति आदि विविध कलाओं के सृजनात्मक प्रभाव अपनी कविता में ग्रहण किए । उनकी रचनाओं में अद्भुत कला संयम, संक्षिप्तता. तथा सांकेतिकता का समावेश मिलता है।
1. शमशेर बहादुर सिंह की कविता है:
(A) पुत्र वियोग
(B) हार-जीत
(C) उषा
(D) तुमुल कोलाहल कलह में
2. प्रातः का नभ कैसा था ?
(A) धुंधला
(B) नीले शंख के समान
(C) लाल कमल के समान
(D) इनमें से कोई नहीं
3. उषा का जादू कब टूट जाता है.?
(A) अंधेरा होने पर
(B) सूर्योदय होने पर
(C) दोपहर में
(D) इनमें से कोई नहीं
4. ‘उषा’ किसकी कविता है ?
(A) रघुवीर सहाय
(B) अज्ञेय
(C) शमशेर बहादुर सिंह
(D) नागार्जुन
5. शमशेर बहादुर सिंह का जन्म स्थल है ?
(A) देहरादून
(B) अमरावती
(C) मसूरी
(D) रानीखेत
6. भोर होने के साथ गृहिणी सबसे पहले कौन-सा काम करती है ?
(A) बच्चे को जगाती है
(B) चौका लीपती है
(C) आँगन की सफाई करती है
(D) इनमें से कोई नहीं
7. आकाश नीले राख-सा कब लगता है ?
(A) प्रातः काल में
(B) संध्याकाल में
(C) दोपहर में
(D) कभी नहीं
9. जन-जन का चेहरा एक
गजानन माधव मुक्तिबोध
जीवन-परिचय – हिन्दी के प्रमुख कवि, चिंतक, आलोचक एवं कथाकार गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म 13 नवंबर 1917 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के एक छोटे से गाँव श्योपुर में हुआ। इनके पिता का नाम माधवराज मुक्तिबोध तथा माता का नाम पार्वती बाई था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उज्जैन, विदिशा, अमझरा, सरदारपुर आदि स्थानों से प्राप्त की। 1931 में उज्जैन के माधव कॉलेज से ग्वालियर बोर्ड की मिडिल परीक्षा पास की तथा 1935 में इती कॉलेज से इंटरमीडिएट पास की। इन्होंने 1938 में होल्कर कॉलेज, इंदौर से बी.ए. की तथा नागपुर विश्वविद्यालय से 1953 में हिन्दी विषय में एम.ए. की। मुक्तिबोध 20 वर्ष की उम्र में ही बड़नगर मिडिल स्कूल में मास्टरी की नौकरी करने लगे थे। इसके बाद उन्होंने शुजालपुर, उज्जैन, कोलकाता, इंदौर, मुंबई, बंगलौर, बनारस, जबलपुर आदि स्थानों पर अलग-अलग कई नौकरियाँ की। मास्टरी से वायुसेना में, वहाँ से पत्रकारिता तथा इससे पार्टी तक आए। 1948 से सितंबर 1965 तक वे नागपुर में प्रकाशन एवं सूचना विभाग के पत्रकार के रूप में रहे। तत्पश्चात् 1954 से 1956 तक नागपुर में ही रेडियो के हिन्दी प्रादेशिक सूचना विभाग में रहे। 1954 में उन्होंने नागपुर से निकलने वाले पत्र ‘नया खून’ का संपादन किया। 1958 में ‘नया खून’ से मुक्त होकर वे दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगाँव में प्राध्यापक पद पर कार्य करने लगे। 11 सितंबर 1964 को इनका देहांत हो गया।
साहित्यिक रचनाएँ – गजानन माधव मुक्तिबोध की लेखन यात्रा का प्रारंभ ‘तार सप्तक’ से एक कवि के रूप में हुआ।
कथा साहित्य – काठ का सपना, विपात्र, सतह से उठता आदमी।
कविता संग्रह – चाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरी-भूरी खाक धूल। .
आलोचना – कामायनी एक पुनर्विचार, नई कविता का आत्मसंघर्ष नए साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र (इसका नया संस्करण कुछ परिवर्तित रूप में ‘आखिर रचना क्यों’ नाम से प्रकाशित हुआ), समीक्षा की समस्याएँ, एक साहित्यिक की डायरी।
इतिहास – भारत : इतिहास और संस्कृति। इनकी रचनाएँ नेमिचंद्र जैन के संपादन में ‘मुक्तिबोध रचनावली’ नाम से 6 खंडों में राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई।
काव्यगत विशेषताएँ – गजानन माधव मुक्तिबोध का उदय प्रयोगवाद के कवि के रूप में हुआ। वे अथक सत्यान्वेषी, ज्ञानपिपासु तथा साहसी खोजी प्रवृत्ति के लेखक थे। उनका कवि व्यक्तित्व बहुत जटिल है। उनकी रचनाएँ प्रौढ़ मानसिक प्रतिक्रियाओं के कारण, ज्ञान और संवेदना के युगीन प्रभावों को ग्रहण करके अत्यन्त सशक्त बन गई हैं। उनकी कविताओं में सामयिक अंतर्द्वन्द्व तथा इससे उत्पन्न भय, आक्रोश, विद्रोह एवं संघर्ष भावना का सशक्त.चित्रण मिलता है। उनकी कविता आधुनिक जागरूक व्यक्ति के आत्मसंघर्ष की कविता है।
1. मुक्तिबोध की कविता है :
(A) गाँव का घर
(B) जन जन का चेहरा एक
(C) उषा
(D) पुत्र वियोग
2. मुक्तिबोध ने सितारा किसे कहा है ?
(A) जनता को
(B) आकाश के तारे को
(C) नेता को
(D) इनमें से कोई नहीं
3. ज्वाला कहाँ से उठती है ?
(A) ज्वालामुखी से
(B) जनता से
(C) आग से
(D) इनमें से कोई नहीं
4. आज जनता किससे आतंकित है?
(A) सरकारी तंत्र से
(B) सामन्तवादी व्यवस्था से
(C) पूँजीवादी व्यवस्था से
(D) इनमें से कोई नहीं
5. मुक्तिबोध का जन्म स्थल है ?
(A) बिहार
(B) दिल्ली
(C) छत्तीसगढ़
(D) पंजाब
6. ‘जन जन का चेहरा एक’ से कवि का क्या तात्पर्य है ?
(A) युद्धरत सैनिक
(B) पीड़ित और संघर्षशील जनता
(C) स्वार्थरहित राजनेता
(D) इनमें से कोई नहीं
7. ज्वाला कहाँ उठती है ?
(A) नदी में
(B) समुद्र में
(C) जनता के हृदय में
(D) आकाश में
8. सामान्य जनता किससे उत्पीड़ित है ?
(A) सरकार से
(B) बुद्धिजीवियों से
(C) शोषक वर्गों से
(D) किसी से नहीं
9. विश्व की जनता किससे आतंकित है ?
(A) पूँजीवादी व्यवस्था से
(B) लोकतांत्रिक व्यवस्था से
(C) तानाशाही व्यवस्था से
(D) किसी से नहीं
10. भौतिकवादी व्यवस्था किसे बढ़ावा दे रही है ?
(A) शोषण
(B) बेरोजगारी
(C) महँगाई और भ्रष्टाचार
(D) उपरोक्त सभी
11. ‘प्यार का इशारा’ का अर्थ है
(A) मानवतावादी दृष्टिकोण
(B) पूँजीवादी दृष्टिकोण
(C) सामंतवादी दृष्टिकोण
(D) भौतिकवादी दृष्टिकोण
10. अधिनायक
रघुवीर सहाय
जीवन-परिचय – 20वीं सदी के उत्तरार्ध के एक प्रमुख कवि एवं पत्रकार रघुवीर सहाय का जन्म 9 दिसंबर, 1929 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में हुआ था। इनके पिता श्री हरदेव सहाय पेशे से एक शिक्षक थे। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विषय में एम.ए. किया। सहाय जी संगीत सुनने तथा फिल्में देखने में विशेष रुचि रखते थे। उन्होंने अपनी एवं समकालीन कविता के वाचन के लिए ‘कौमुदी’ नामक कविता केन्द्र की स्थापना की तथा उसका संचालन भी किया।
रघुवीर सहाय पेशे से एक पत्रकार थे। उन्होंने लखनऊ के पत्र ‘नवजीवन’ से अपनी पत्रकारिता का आरंभ किया। इसके बाद उन्होंने ‘समाचार विभाग’ आकाशवाणी, नई दिल्ली तथा नवभारत टाइम्स (नई दिल्ली) में विशेष संवाददाता के रूप में कार्य किया। सन् 1979 से 1982 तक वे ‘दिनमान’ साप्ताहिक समाचार के प्रधान संपादक भी रहे। इसके अतिरिक्त वे भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य भी रहे। 30 दिसंबर, 1990 को इनका निधन हो गया।
साहित्यिक रचनाएँ – कविताएँ- अज्ञेय द्वारा संपादित ‘दूसरा सप्तक’ सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या के विरुद्ध, हँसो-हँसो जल्दी हँसो, लोग भूल गए हैं, कुछ पते कुछ चिट्ठियाँ ।
कहानियाँ- रास्ता इधर से है, सीढ़ियों पर धूप में, जो आदमी हम बना रहे हैं।
निबंध- दिल्ली मेरा परदेश, लिखने का कारण, सीढ़ियों पर धूप में, ऊबे हुए सुखी, वे और नहीं होंगे जो मारे जाएँगे, यथार्थ यथास्थिति नहीं।
इसके अलावा उन्होंने अनुवाद कार्य भी किया। उनकी संपूर्ण रचनावली राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली से 6 खंडों में प्रकाशित है। लोग भूल गए हैं’ रचना के लिए उन्हें 1984 का साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ।
काव्यगत विशेषताएँ – रघुवीर सहाय दूसरा सप्तक के सात कवियों में शामिल थे। उन्होंने नई कविता के माध्यम से कविता की अग्रगति तथा विकास के लिए नई रचना भूमि, नई-नई भाषा, मुहावरा और रचनातंत्र की उभावना का प्रारंभ किया। उनकी कविताएँ अपने संकल्प और व्यवहार में, संवेदना, अनुभव, भाषा, शिल्प, सरोकार विषयवस्तु आदि अनेक तलों पर नई थीं। कहानियों तथा पत्रकारिता में भी उनकी विशिष्ट मनोरचना एवं व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति हुई है। उनकी पत्रकारिता उनकी कविता को प्रासंगिक एवं प्रभावशाली रूप प्रदान करती है। उनकी कविताओं में व्याप्त तथ्यात्मकता मात्र तथ्य न रहकर ‘सत्य’ बन जाता है।
1. रघुवीर सहाय की कविता है:
(A) जन-जन का चेहरा एक
(B) अधिनायक
(C) गाँव का घर
(D) पुत्र-वियोग
2. हरचरना कौन है ?
(A) एक चरवाहा
(B) घर का नौकर
(C) एक आम आदमी
(D) गाँव का मुखिया
3. अधिनायक कौन है ?
(A) सत्ताधारी वर्ग
(B) विपक्षी दल
(C) सरकारी सेवक
(D) इनमें से कोई नहीं
4. अधिनायक कैसी कविता है?
(A) समकालीन सामाजिक व्यवस्था पर व्यंग्य कविता
(B) समकालीन राजनीति पर व्यंग्य कविता
(C) सरकारी तंत्र पर व्यंग्य कविता
(D) इनमें से कोई नहीं।
5. ‘अधिनायक’ किस कवि की रचना है ?
(A) रघुवीर सहाय
(B) मुक्तिबोध
(C) अज्ञेय
(D) नागार्जुन
6. हरचरना अधिनायक का गुण क्यों गाता है ?
(A) कृतज्ञता ज्ञापन करने के लिए
(B) डर से
(C) अधिनायक के गुण से प्रभावित होकर
(D) इनमें से कोई नहीं
7. दूसरा सप्तक का प्रकाशन वर्ष है ?
(A) 1950
(B) 1951
(C) 1952
(D) 1954
8. रघुवीर सहाय का जन्म स्थल है
(A) प्रयाग
(B) बनारस
(C) लखनऊ
(D) कानपुर
9. ‘बाजा बजाना’ का क्या अर्थ है ?
(A) डफली बजाना
(B) खुशामद करना
(C) हाँ में हाँ मिलाना
(D) ढोल पीटना
10. रघुवीर सहाय किस सप्तक के कवि हैं ?
(A) प्रथम सप्तक
(B) दूसरे सप्तक
(C) तीसरे सप्तक
(D) किसी के नहीं
11. रघुवीर सहाय को किस कृति के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया ?
(A) लोग भूल गए हैं
(B) हँसो-हँसो जल्दी हँसो
(C) आत्महत्या के विरूद्ध
(D) सर्दियों पर धूप में
12. अधिनायक कविता से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं ?
(A) पूरा तंत्र शोषक है, अतः तंत्र से लड़ो
(B) शासक वर्ग का समर्थन करना अनिवार्य है .
(C) शासक प्रजा की भलाई में रत है
(D) इनमें से कोई नहीं
11. प्यारे नन्हें बेटे को
विनोद कुमार शुक्ल
जीवन-परिचय – हिन्दी साहित्य की दोनों विधाओं में योगदान देने वाले कवि एवं कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़ में हुआ था। वर्तमान में वे रायपुर, छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं। वे जून 1994 से जून 1996 तक इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय में एसोशिएट प्रोफेसर तथा निराला सृजनपीठ मैं अतिथि साहित्यकार रहे। साहित्य जगत में उनके अप्रतिम अवदान के लिए उनको रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार (1992), दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान (1997) तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार (1999) आदि सम्मानों द्वारा विभूषित किया गया।
साहित्यिक रचनाएँ – (क) कविता संग्रह – पहला कविता संग्रह ‘लगभग जयहिंद’ पहचान सीरीज के अंतर्गत, 1971 वह आदमी नया गरम कोट पहनकर चला गया विचार की तरह (1981), सबकुछ होना बचा रहेगा (1992), अतिरिक्त नहीं (2001)।
(ख) कहानी संग्रह – पेड़ पर कमरा, महाविद्यालय। (ग) उपन्यास – नौकर की कमीज, खिलेगा तो देखेंगे, दीवार में एक खिड़की रहती थी।
शुक्ल जी के उपन्यास कई भारतीय भाषाओं में अनुवादित हो चुके हैं। उनके कहानी संग्रह ‘पेड़ पर कमरा’ का इतावली भाषा में अनुवाद किया गया है। उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ पर मणि कौल ने एक फिल्म का निर्माण भी किया है।
काव्यगत विशेषताएँ – विनोद कुमार शुक्ल ने अपनी साहित्यिक यात्रा की शुरूआत सातवें-आठवें दशक में की। उनकी कहानियों ने अपनी विशिष्टताओं के कारण लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। उनकी रचनाएँ अत्यन्त मौलिक, न्यारी और अद्वितीय होती थीं। उनकी इस विशेषता का कारण उनकी गहन संवेदना तथा अनुभूति थी तथा यह भीतर से उत्पन्न हुई विशिष्टता थी। उनकी यह अद्वितीय मौलिकता उनकी कविता, कहानियों तथा उपन्यासों में और अधिक स्फुट, विपुल तथा बहुमुखी होकर प्रकट हुई है। उनकी कविता मामूली बातचीत की मद्धिम लय और लहजे में शुरू होती है तथा उसी प्रकार खत्म होती है। उनके संपूर्ण साहित्य में आम आदमी की दिनचर्या में सामान्य रूप से व्यवहृत शब्दों का प्रयोग हुआ है।
1. विनोद कुमार शुक्ल की कविता है:
(A) प्यारे नन्हें बेटे को
(B) पुत्र-वियोग
(C) गाँव का घर
(D) अधिनायक
2. ‘प्यारे नन्हें बेटे को’ कविता में लोहा किसका प्रतीक हैं ?
(A) बन्दूक का
(B) मशीन का
(C) कर्म का
(D) धर्म का
3. ‘प्यारे नन्हें बेटे को’ कविता किस शैली में लिखी गई है ?
(A) वार्तालाप शैली
(B) व्यंग्यात्मक शैली
(C) प्रतीकात्मक शैली
(D) इनमें से कोई नहीं
4. विनोद कुमार शुक्ल का जन्म स्थल है
(A) राजनाँद गाँव
(B) लहमी
(C) धेपुरा
(D) प्रयाग
5. ‘लगभग जयहिन्द’ किनकी रचना है ?
(A) रघुवीर सहाय
(B) विनोद कुमार शुक्ल
(C) अज्ञेय
(D) नागार्जुन
6. ‘नौकर की कमीज’ किसका उपन्यास है ?
(A) रघुवीर सहाय
(B) विनोद कुमार शुक्ल
(C) अज्ञेय
(D) नागार्जुन
7. ‘आस-पास लोहा कहाँ-कहाँ है’ कवि किससे पूछता है ?
(A) पुत्र से
. (B) बिटिया से
(C) पत्नी से
(D) मित्र से
8. विनोद कुमार शुक्ल को 1999 ई० में कौन सा पुरस्कार मिला ?
(A) साहित्य अकादमी पुरस्कार
(B) ज्ञानपीठ पुरस्कार
(C) भारत रत्न पुरस्कार
(D) भारत भारती पुरस्कार
9. ‘विनोद कुमार शुक्ल’ कैसे कथाकार हैं ?
(A) व्यंग्य कथाकार
(B) समकालीन कथाकार
(C) आलोचक कथाकर
(D) इनमें से कोई नहीं
12. हार-जीत
अशोक वाजपेयी
जीवन-परिचय – अशोक वाजपेयी समसामयिक हिन्दी के एक प्रमुख कवि आलोचक, विचारक, कला मर्मज्ञ, संपादक एवं संस्कृतकर्मी हैं। उनका जन्म 16 जनवरी, 1941 को दुर्ग, छत्तीसगढ़ में हुआ। वे मूलतः सागर, मध्य प्रदेश के निवासी हैं। इनकी माता का नाम निर्मला देवी तथा पिता का नाम परमानंद वाजपेयी था। इन्होंने ‘प्रारंभिक शिक्षा गवर्नमेंट हायर सेकेंड्री स्कूल, सागर से प्राप्त की।’ इसके बाद सागर विश्वविद्यालय से बी.ए. तथा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अंग्रेजी में एम.ए. किया। श्री वाजपेयी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में अधिकारी के पद पर कार्य करते हुए अनेक महत्त्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया। वे महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में वे दिल्ली में रहकर स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। उनकी विशिष्ट साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, पोलिश सरकार का ऑफिसर ऑव् द आर्डर आव् क्रास 2004, फ्रेंच सरकार का ऑफिसर आव् द आर्डर आव् आर्ट्स एंड लैटर्स 2005 सम्मान आदि से विभूषित किया गया। उन्होंने समवेत, पहचान, पूर्वग्रह, बहुवचन, कविता एशिया, समास आदि का संपादन किया तथा ‘द बुक | रिव्यू’ सहित अनेक पत्रिकाओं के सलाहकार संपादक भी रहे।
साहित्यिक-रचनाएँ (क) कविता संग्रह – शहर अब भी संभावना है, एक पतंग अनंत में, कहीं नहीं वहीं, बहुरि अकेला, अगर इतने से, तत्पुरुष, थोड़ी सी जगह, अभी कुछ और, समय के पास समय, घास में दुबका आकाश, आविन्यो, इबारत से गिरी मात्राएँ, कुछ रफू कुछ चिथड़े, विवक्षा, दुख चिट्ठीरसा है, उम्मीद का दूसरा नाम।
(ख) आलोचना – फिलहाल, कुछ पूर्वग्रह, समय से बाहर, कविता का गल्प, कवि कह गया है, सीढ़ियाँ शुरू हो गई हैं।
(ग) संपादित कृतियाँ – तीसरा साक्ष्य, कला विनोद, साहित्य विनोद, पुनर्वसु, कविता का जनपद।
(घ) स्तंभ लेखन – कभी कभार।
इसके अतिरिक्त उन्होंने मुक्तिबोध, शमशेर बहादुर सिंह तथा अज्ञेय की चुनी हुई कविताओं का संपादन भी | किया।
काव्यगत विशेषताएँ – अशोक वाजपेयी हिन्दी के एक प्रमुख कवि हैं। उनके अध्ययन, अनुशीलन, अभिरुचि एवं रचनात्मक गतिविधियों का दायरा विस्तृत है। वे कला, साहित्य और ज्ञान की विविध विधाओं | तथा अपने संवादों की कल्पनाशील जनतांत्रिक पहल के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्हें एक समर्थ संभावना के रूप में पहचाना गया। क्योंकि कविता की जरूरतों और तकाजों की उनकी पहचान खरी थी।
1. अशोक वाजपेयी की कविता है :
(A) अधिनायक
(B) हार-जीत
(C) गाँव का घर
(D) पुत्र-वियोग
2. उत्सव कौन मना रहे हैं ?
(A) आम जनता
(B) शासक वर्ग
(C) विपक्षी दल
(D) इनमें से कोई नहीं
3. हार-जीत कैसी कविता है ?
(A) गद्य कविता
(B) व्यंग्य कविता
(C) अकविता
(D) इनमें से कोई नहीं
4. हार-जीत कविता में किसका प्रश्न उठाया गया है.?
(A) हार का
(B) जीत का
(C) हार और जीत का
(D) इनमें से कोई नहीं
5. अशोक वाजपेयी का जन्म स्थल है?
(A) छत्तीसगढ़
(B) मध्यप्रदेश
(C) बिहार
(D) राजस्थान
6. “हार-जीत’ कविता किस संकलन से ली गई है ? –
(A) शहर अब भी एक संभावना
(B) कहीं नहीं वहीं
(C) एक पतंग अनंत में,
(D) विवक्षा
7. सड़कों को क्यों सीचा जा रहा है ?
(A) धूल की अधिकता
(B) आँधी आने की संभावना
(C) राजा आने वाले हैं
(D) इनमें कोई नहीं
8. हार-जीत में कौन समास है ?
(A) अव्ययीभाव
(B) द्वन्द्व
(C) तत्पुरुष
(D) बहुव्रीहि
9. उत्सव क्यों मनाया जा रहा है ?
(A) युद्ध जीतने की खुशी में
(B) युद्ध विराम की खुशी में
(C) धन प्राप्ति की खुशी में
(D) इनमें से कोई नहीं
13. गाँव का घर
ज्ञानेंद्रपति
जीवन-परिचय – बीसवीं सदी के आठवें दशक के संभावनाशाली युवा कवि ज्ञानेंद्रपति का जन्म 1 जनवरी 1950 को झारखण्ड के गोड्डा में पथरगामा में हुआ। उनकी माता का नाम सरला देवी तथा पिता का नाम देवेंद्र प्रसाद चौबे था। ज्ञानेंद्रपति की प्रारंभिक शिक्षा उनके गाँव के स्कूल में ही हुई। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बी.ए. तथा एम.ए. (अंग्रेजी) तथा बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर से हिन्दी में एम.ए. किया। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा उनका चयन कारा अधीक्षक पद के लिए किया गया। वहाँ काम करते हुए उन्होंने कैदियों के लिए अनेक कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए। बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी तथा कविता लेखन करते हुए साहित्य साधना में रत हो गए।
ज्ञानेंद्रपति को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए पहल सम्मान (2006) तथा उनके कविता संग्रह ‘संशयात्मा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार (2006) से सम्मानित किया गया।
साहित्यिक रचनाएँ
(क) कविता-संग्रह – आँख हाथ बनते हुए (1970), शब्द लिखने के लिए ही यह कागज बना है (1980), गंगातट (2000), संशयात्मा (2004), भिनसार (2006), कवि ने कहा (2007)।
(ख) काव्य नाटक – एकचक्रानगरी।
(ग) कथेतर गद्य – पढ़ते-गढ़ते (2005)।
काव्यगत विशेषताएँ – साहित्याकाश में एक संभावनाशील युवा कवि के रूप में ज्ञानेंद्रपति का उदय बीसवीं सदी के आठवें दशक में हुआ। ज्ञानेंद्रपति के काव्य में उचित शब्द चयन, भाषा, संवेदना की ताजगी एवं रचना विन्यास में आत्म-सजग समान जैसी विशेषताएँ थीं। इन्हीं विशेषताओं के कारण उन्होंने हिन्दी कविता के सुधी पाठकों का ध्यान अपनी तरफ आकृष्ट किया। वे एक ऐसे मनीषाधर्मी और अध्ययनशील रचनाकार हैं जो निजी संबंधों, सामाजिक रिश्तों एवं रचनाधर्म को अपने ही तरीके से ही गढ़ते-रचते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहे हैं। ज्ञानेंद्रपति की कविता में परंपरा, इतिहास और स्मृतियों का अद्भुत रचाव-बसाव दिखता है। उनकी रचनाओं की ऊर्मियाँ और अनुगूंजें दूर तक फैलती हैं तथा उनका समय बोध अधिक प्रशस्त, गरिमामय, गुंजान और व्यक्तित्व संपन्न हो उठता है। ज्ञानेंद्रपति ने अपने काव्य में वस्तुओं, दृश्यों, प्रसंगों के निरीक्षण-पर्यवेक्षण का अपना अलग अंदाज बनाया हुआ
1. ‘गाँव का घर’ कविता के कवि हैं :
(A) अशोक वाजपेयी
(B) ज्ञानेन्द्रपति
(C) रघुवीर सहाय
(D) शमशेर-बहादुर सिंह
2. कवि चिन्तित क्यों है ?
(A) अर्थहीन होने के कारण
(B) पंचपरमेश्वर के खो जाने के कारण
(C) नौकरी नहीं मिलने के कारण
(D) इनमें से कोई नहीं
3. गाँव के स्वरूप में परिवर्तन क्यों आया है ?
(A) पूँजीवाद के कारण
(B) आर्थिक उदारणीकरण के कारण
(C) (A) और (B) दोनों के कारण
(D) इनमें से कोई नहीं
4. गाँव में अब किसकी धुनें सुनाई नहीं पड़ती हैं ?
(A) लोकगीत की
(B) फिल्मी गीत की
(C) शोक गीत की
(D) इनमें से कोई नहीं
5. ज्ञानेन्द्रपति का जन्म कहाँ हुआ था ?
(A) बिहार
(B) झारखंड
(C) छत्तीसगढ़
(D) उत्तर प्रदेश
6. ज्ञानेन्द्रपति को किस कृति के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार ‘दिया गया ?
(A) संशयात्मा
(B) गंगातट
(C) भनसार
(D) कवि ने कहा
7. गाँव का घर’ किस पुस्तक से संकलित है ?
(A) गंगातट
(B) संशयात्मा
(C) एक चक्रानगरी
(D) कवि ने कहा
8. “पंच परमेशवर’ के खो जाने को लेकर कवि किस कारण से चिन्तित है ?
(A) पूँजीवादी व्यवस्था के आगमन
(B) भौतिकवादी का उग्र प्रभाव
(C) परंपरा और संस्कृति टूटने के का क्षोभ
(D) इनमें से कोई नहीं
हिन्दी साहित्य का इतिहास
1. हिन्दी साहित्य के प्रारंभिक काल को आचार्य शुक्ल ने ….. कहा है।
(A) आदिकाल
(B) चारण काल
(C) वीरगाथा काल
(D) सिद्ध सामंत काल
2. निम्नलिखित में से कौन प्रेमचंद की एक रचना है?
(A) पंच परमेश्वर
(B) उसने कहा था
(C) ताई
(D) ठेस
3. कबीरदास की भाषा थी?
(A) ब्रज
(B) कन्नौजी
(C) साधुक्कड़ी
(D) खड़ी बोली
4. हिन्दी गद्ध् का सर्वप्रथम युग है
(A) भारतेन्दु युग
(B) शुक्ल युग
(C) द्विवेदी युगं
(D) इनमें से कोई नहीं
5. हिन्दी के सर्वप्रथम प्रकाशित पत्र का नाम है
(A) सम्मेलन पत्रिका
(B) उदण्ड मार्तण्ड
(C) सरस्वती
(D) नगरी प्रचारिणी पत्रिका
6. हिन्दी साहित्य की प्रथम कहानी है
(A) आकाशद्वीप
(B) प्रेमसागर
(C) इन्दुमती
(D) रानी केतकी की कहानी
7. निर्गुण भक्ति काव्य के प्रमुख कवि हैं-
(A) सूरदास
(B) तुलसीदास
(C) कबीरदास
(D) केशवदास
8. सबसे पहले अपनी आत्मकथा हिन्दी में किसने लिखी ?
(A) श्यामसुन्दर दास
(B) सेठ गोविन्द दास
(C) जवाहरलाल नेहरू
(D) डॉ० राजेन्द प्रसाद
9. ‘राष्ट्रकवि’ के रूप में प्रसिद्ध हैं –
(A) गोपाल दास व्यास
(B) सुमित्रानंदन पंत
(C) जयशंकर प्रसाद
(D) मैथिलीशरण गुप्त
10. इनमें से कौन भक्तिकाल का कवि नहीं है
(A) नाभादास
(B) रसखाना
(C) नंददास
(D) अमीर खुसरो
11. कृष्ण भक्ति काव्य के प्रमुख कवि कौन हैं ?
(A) सूरदास
(B) कबीरदास
(C) केशवदास
(D) तुलसीदास
12. अष्टछाप की सर्वश्रेष्ठ भक्त कवि के रूप में ……….. का नाम लिया जाता है ?
(A) कुंभनदास
(B) सूरदास
(C) कृष्णदास
(D) परमानंद दास